Saturday 21 May 2016

सिंहस्थ का अंतिम अमृत स्नान अब 12 साल बाद 2028 में अगला सिंहस्थ-

-30 लाख श्रद्धालुओं ने दोपहर तक शिप्रा में लगाई डुबकी
-1 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का दावा प्रशासन का
-35 शिप्रा घाटों पर आस्था का सैलाब
-13 अखाड़ों ने सिलसिलेवार किया स्नान
-700 बसें लगाई गईं श्रद्धालु के लिए
उज्जैन। सिंहस्थ नगरी में वैशाख पूर्णिमा पर सिंहस्थ के अंतिम स्नान के दौरान आस्था अपने चरम पर रही। अमृत स्नान के लिए एक दिन पहले से ही लाखों लोग कुंभनगरी पहुंच चुके थे। शनिवार दोपहर तक 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने शिप्रा में डुबकी लगाई। प्रशासन ने दावा किया है कि देर रात तक 1 करोड़ श्रद्धालु अमृत स्नान करेंगे। शुक्रवार रात को ही श्रद्धालु घाट क्षेत्रों और पहुंच मार्गों पर जमा हो गए थे।
रात 12 बजते ही दत्त अखाड़ा और रामघाट को छोड़ अन्य प्रमुख घाटों पर आम श्रद्धालुओं ने स्नान शुरू कर दिया। शनिवार तड़के 3 बजते ही दत्त अखाड़ा घाट पर हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच शैव अखाड़ों के नागा साधु-संत शिप्रा में उतरे और स्नान किया। वैष्णव अखाड़ों के साधु-संतों ने जय श्री राम के जयकारे लगाए।
यहां दिन भर रही भीड़
महाकाल मंदिर सहित शहर के प्रमुख मंदिरों और रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित घाट क्षेत्र में शनिवार को भारी भीड़ दिखाई दी। आस्थावानों के जत्थे दिखाई दे रहे थे। लोग मंदिरों के बाहर, रेलवे स्टेशन परिसर, फुटपाथ आदि स्थानों पर डेरा डाले हुए थे।
इन घाटों पर भी बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
शिप्रा के अन्य घाट जैसे मंगलनाथ, नृसिंह घाट, भूखीमाता घाट, गऊघाट, सुनहरी घाट आदि पर श्रद्धालु रात से ही जमे थे। रात 12 बजते ही कुछ आस्थावानों ने डुबकी लगाई। महाकाल के जयघोष के बीच यहां सुबह स्नान शुरू हो गया। दत्त अखाड़ा घाट पर सुबह 7 बजे और रामघाट पर सुबह 11 बजे आम श्रद्धालुओं का स्नान शुरू हुआ।
नदी के पास रुकी एक्सप्रेस ट्रेनें
सुबह लालपुल के पास कई ट्रेनें भी रुकी। इसमें एक्सप्रेस ट्रेनें भी शामिल थीं। इस कारण कई यात्री यहीं उतर गए और लालपुल घाट पर स्नान किया। उल्लेखनीय है कि पिछले दोनों अमृत स्नान पर भी बड़ी संख्या में यात्री यहीं उतर गए थे। यहां स्नान के बाद लोकल ट्रेनें पकड़ यहीं से रवाना भी हो गए थे।
हर रास्ते पर जाम, घाट तक पहुंचने के लिए चले पैदल
अमृत स्नान के एक दिन पहले ही उज्जैन पहुंचने वाले हर मार्ग पर लंबा जाम लगा था। इंदौर, देवास, मक्सी, आगर, जावरा टू लेन आदि मार्गों पर वाहनों की कतारें लगी रहीं। लोगों को घाट तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा। इंदौर रोड पर निनौरा के आगे से ही जाम लगा हुआ था। इध्ार देवास रोज पर नागझिरी के आगे यातायात जाम की स्थिति बनी रही।
अमृत स्नान लाइव-कब-क्या
1. तड़के 3 बजे
- शैव: दत्त अखाड़ा घाट पर जूना, आवाहन व अग्नि अखाड़ा ने स्नान किया।
- वैष्णव: रामघाट पर निर्मोही अणि अखाड़े के साधु-संत पहुंचे और नहान किया।
2. सुबह 4 बजे
शैव: दत्त अखाड़ा घाट पर निरंजनी व आनंद अखाड़ा के साधु-संत पहुंचे।
वैष्णव: रामघाट पर दिगंबर अणि अखाड़े के साधु-संतों ने अमृत नहान कियआ।
3. सुबह 5 बजे
शैव: दत्त अखाड़ा पर महानिर्वाणी व अटल अखाड़ा के साधु- संतों ने स्नान किया।
वैष्णव: रामघाट पर निर्वाणी अणि अखाड़े के साधु-संत स्नान के लिए आए।
4. सुबह 8.30 बजे
- रामघाट पर बड़ा उदासीन व नया उदासीन अखाड़े ने रामघाट पर नहान किया।
5. सुबह 10 बजे
- रामघाट पर निर्मल अखाड़े के साधु-संतों ने डुबकी लगाई।
अब अगला सिंहस्थ 2028 में
सिंहस्थ महापर्व का आज समापन हो गया। अब अगला सिंहस्थ 2028 में होगा।
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@Simhastha kumbha Mela: 2040 में दो बार होगा सिंहस्थ का आयोजन

सिंहस्थ ऐसा पर्व है, जो राशियों के एक-दूसरे में प्रवेश और कालगणना चक्र के आधार पर मनाया जाता है। इसी गणना के आधार पर 2028 के बाद 2040 में दो बार सिंहस्थ का आयोजन होगा। 84 साल बाद सांतवें सिंहस्थ में ऐसी स्थिति बनती है, जब इसका आयोजन दो बार होता है। इसे लुप्ताब्ध वर्ष कहते हैं। ज्योतिष शास्त्रों में लिखा गया हैज्योतिष शास्त्रों में लिखा गया है बृहस्पति (गुरु) सुमारे 85

महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने भस्मारती प्रवेश गेट तोड़ दिया

सिंहस्थ के अंतिम पर्व स्नान पर अलसुबह महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने भस्मारती प्रवेश गेट तोड़ दिया। मंदिर की वेबसाइट पर एनआईसी की लापरवाही के कारण भस्मारती और विशेष दर्शन पास की बुकिंग चालू रह गई, जिससे शुक्रवार सुबह 6.30 बजे श्रद्धालुओं ने हंगामा कर दिया। गेट का प्रवेश पास होने के बाद भी प्रवेश नहीं दिए जाने पर श्रद्धालुओं ने गेट तोड़ दिया। घटना के बाद पुलिस-प्रशासन ने 150 का पुलिस बल मंदिर के हर गेट पर तैनात कर मंदिर को छावनी में बदल दिया।

झुलसा उज्जैन : नहान करने आए 20 श्रद्धालुओं की लू से मौत

पांच दिन से आसमान से आग बरस रही है। इसके कारण सिंहस्थ स्नान करने आए श्रद्धालु बेहाल
हैं। इसी बीच गुरुवार रात से शुक्रवार शाम तक लू लगने के कारण 20 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप है। 24 घंटे में जिला अस्पताल व अस्थायी अस्पतालों में 241 लोग भर्ती हुए थे। गुरुवार को अधिकतम तापमान 45.5 डिग्री रहा, जो सीजन में सबसे अधिक है। शुक्रवार को अधिकतम 45 व न्यूनतम 28 डिग्री रहा।

Friday 20 May 2016

आज से तीन दिन चालू रहेगी जिला अस्पताल की ओपीडी


simhastha मेले के अंतिम दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए जिला अस्पताल की ओपीडी(बाह्य रोगी विभाग) को शुक्रवार से तीन दिन तक 24 घंटे चालू रखा जाएगा। इससे मरीजों को पूरे समय उपचार की सुविधा ओपीडी में मिल सकेगी। वैसे ओपीडी का समय सुबह 8 से दोपहर 1 बजे व शाम को 5 से 6 बजे तक है। इस अवधि को 22 मई तक बढ़ाया गया है।मुख्य बिल्डिंग में दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक व शाम 6 से दूसरे दिन सुबह 8 बजे तक इमरजेंसी भी चालू रहेगी। सिविल सर्जन डॉ.डीपीएस गहरवार ने

शिप्रा नदी के 12 किमी क्षेत्र में तीन दिन में करेंगे पौधारोपण


गंगा एक्शन प्लान बनाने वाले स्वामी चिदानंद शिप्रा एक्शन प्लान ला रहे हैं। दान के पौधे से शिप्रा के किनारे हरीतिका से आच्छादित होंगे। अगस्त में 12 किमी के क्षेत्र में तीन दिन तक यह अभियान चलेगा।

आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, स्वामी बाबा रामदेव, कार्ष्णिगुरु शरणानंद, संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, अनूप जलोटा, अनुराधा पोड़वाल सहित संतों, नेताओं और कलाकारों से पौधे दान में लिए जा रहे हैं। स्वामी चिदानंद बताते हैं कि शिप्रा एक्शन प्लान बनाया जा

पारा 45.5 डिग्री: सिंहस्थ का सबसे गर्म दिन, सुबह भी दोपहर जैसी तपन

उज्जैन. मेले में गुरुवार सबसे गर्म दिन रहा। सुबह भी दोपहर जैसी तपन थी। तापमान सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 45.5 डिग्री सेल्सियस हो गया। मई में छह साल में यह सबसे अधिकतम तापमान है। दोपहर 12 से 2 बजे के बीच सूरज सबसे ज्यादा तपा।

दिनभर 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गर्म लू की लपट चलती रही। दिन में आर्द्रता का प्रतिशत भी 44 फीसदी रिकॉर्ड किया गया। रात के तापमान में भी 0.2 डिग्री का उछाल आया। बुधवार-गुरुवार की रात न्यूनतम